Sunday, February 22, 2015

आज फिर से ख्वाबो में डूब जाने को दिल करता है!

It's raining out side ...though I know one thing that I don't know how to write good poems ..... but just couple of lines came in the head.... and thought to better note them down !!

आज फिर से ख्वाबो में डूब जाने को दिल करता है!
आज फिर यूँही बरसात में फिर से भीग जाने को दिल करता है !!
अपनी नमाजों में किसी और की सलामती की दुआ करने को दिल करता हे !!
पंछी की तरह आसमानो में खो जाने को दिल करता हे !!
आज फिर से तूफानी मौसम में भी कश्तियाँ चलाने को दिल करता हे !!
आज फिर से ख्वाबो में डूब जाने को दिल करता है!